मुम्बई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को अपने हालिया बयान में बताय कि मुंबई में नौ अलग-अलग निजी टीकाकरण शिविरों में 2,000 से अधिक लोगों को नकली कोरोना वैक्सीन लगाने की अंशका है। पुलिस ने यह भी कहा कि इस मामले में अब तक लगभग 400 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
उच्च न्यायालय ने फैक वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशिष्ट नीति या दिशानिर्देश तैयार करने और अगली सुनवाई में बिना देरी किए हलफनामा दाखिल करने को कहा।
आरोपी फरार
घटना के आरोपी डॉ मनीष त्रिपाठी फरार है और एक अन्य आरोपी डॉ. आशीष मिश्रा, जो आदित्य कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के हैं, को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि मिश्रा और एक अन्य आरोपी राजेश पांडे की जमानत याचिकाओं को अदालतों ने खारिज कर दिया है।
इन जगहों पर लगाई गई फेक वैक्सीन
पुलिस के बयान के अनुसार मुंबई की कांदिवली (पश्चिम) में हीरानंदानी हेल्थ क्लब में 390, परेल में पोदार एजुकेशन सोसाइटी में 207, बोरीवली में 514, मलाड पश्चिम में 30 और कर्मचारियों के लिए आयोजित एक अभियान में लगभग 365 व्यक्तियों सहित 2,053 लोगों को नकली वैक्सीन दी जा चुकी है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और बीएमसी से हलफनामा मांगते हुए मामले की अगली सुनवाई 29 जून को तय की है।