Top News

तो इस वजह से भिड़ रहे हैं रूस और यूक्रेन, World War 3 की आशंका

दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस और उसका पड़ोसी देश यूक्रेन के बीच वर्ल्ड वार की चेतावनी जताई जा रही है। कुछ दिनों पहले यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ। ये हमला ऐसे समय पर हुआ जब यूक्रेन और रूस के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। जिससे की यूक्रेन इसके पीछे रूस का ही हाथ बता रहा है। वही कुछ दिनों से रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर करीब एक लाख से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं क्योंकि रूस, यूक्रेन से युद्ध करने के हालात पैदा करने में लगा हुआ है। जिस वजह से यूक्रेन और रूस के विवाद को लेकर अमेरिका और रूस में युद्ध हो सकता है। ये समस्या जल्दी से ठीक नहीं हुई तो आने वाले समय में विश्व युद्ध देखने को मिल सकता है।

तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे आखिर यूक्रेन और रशिया के विवाद की वजह क्या है? रशिया और यूक्रेन विवाद का इतिहास क्या है? और ये विवाद दुनिया के लिए कैसे खतरनाक हो सकता है? आखिर यूक्रेन रूस के लिए इतना जरूरी क्यों है?

तो आइए सबसे पहले हम यह जानेंगे कि आखिर रूस और यूक्रेन के बीच में जो विवाद है वो है क्या? इस विवाद के पीछे क्या कारण है?

Reason of Russia and Ukraine Conflict

साल 1945 में जब दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ तब यूएसएसआर यानि कि सोवियत यूनियन और अमेरिका के बीच कई तरह के दूरियां इस तरह पैदा होने लगी कि इसका नतीजा ये निकला कि दोनों के बीच साल 1945 से लेकर 1991 तक लेकर एक बड़ी वॉर देखने को मिली। ये वॉर किसी तरह के हथियार और बम से नहीं लड़ी गई बल्कि इस लड़ाई को डिप्लोमेसी के जरिए लड़ा गया था। एक तरह से ये न्यूज़पेपर और मीडिया के जरिए लड़ी गई थी जिसमें सिर्फ और सिर्फ धमकियां ही शामिल थी। इसका मकसद केवल लोगों में अविश्वास और मतभेद पैदा करना था। इस वॉर को कोल्ड वॉर यानी कि शीत युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। जिसका नतीजा ये निकला कि यूएसएसआर को 15 देशों के बीच विभाजित होना पड़ा।

अमेरिका यूएसएसआर के लोगों को भड़काने में कामयाब हुआ था और इसी के चलते सोवियत यूनियन का 15 देशों में विभाजन हुआ इसमें जो सबसे बड़ा देश था उसी को आज हम रसिया के नाम से जानते हैं। यूएसएसआर से आजाद होने के बाद 15 देशों में से एक था एक यूक्रेन भी जो फिलहाल विवाद का कारण बना हुआ है। तो इस तरह से साल 1991 में रूस और यूक्रेन का जन्म हुआ जिसके बाद इन दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ। साल 2014 में जब रसिया ने यूक्रेन के इसक्रिमेनिया पर जबरन कब्जा कर लिया और ये तब हुआ था जब यूक्रेन के यूरोप के साथ अच्छे रिलेशन बनना शुरू हुए थे। रशिया का इसक्रिमेनिया पर कब्जा करने का सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक जतन थे। जिसका फायदा रसिया की बजाय यूरोप को मिलने लगा था। जिस कारण रसिया ने इसक्रिमेनिया को अपने कब्जे में ले लिया तो ये था पहला कारण जिस वजह से रशिया और यूक्रेन में विवाद होना शुरू हुआ था।

मौजूदा हालात हैं गंभीर

अगर हम मौजूदा समय की बात करें तो यूक्रेन के ऊपर एक और बड़ी समस्या आ चुकी है क्योंकि कुछ समय से रशिया, यूक्रेन के डॉन ब्रिज इलाके पर भी अपना दावा करने लगा था। यह डॉन ब्रिज एरिया रशिया से सटा हुआ इलाका है। बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं होती आज के समय में रसिया अपने एक लाख सैनिकों से ज्यादा लेकर यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात है।

जिस वजह से अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर ने हाल ही में अपने एक बयान में चेतावनी देते हुए कहा की रसिया एक शॉर्ट नोटिस के साथ कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। साथ ही उन्होंने वार्निंग देते यह भी कहा कि अगर रसिया ऐसा करने का प्रयास करता है तो रसिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। 21 जनवरी के दिन अमेरिकन फॉरेन मिनिस्टर की रशियन फॉरेन मिनिस्टर से मुलाकात हुई थी। लेकिन इससे ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ा और अमेरिका  के राष्ट्रपति बाइडेन रसिया को चेतावनी देते हुए ये कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है इससे उसको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बाइडेन की इसी चेतावनी का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि रसिया किसी तरह की युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा है और अमेरिका की इस तरीके के बयानों से यूक्रेन में पैदा हो रही स्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं आने वाला है।

रसिया भले ही इस बात से इंकार कर रहा हो कि वो किसी तरह के युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा फिर भी उसके हरकतें युद्ध की स्थिति को बुलावा दे रही है। क्योंकि कुछ दिन पहले ही रशियन ट्रूप की एक सेटेलाइट इमेज भी जारी की गई थी जिसमें यूक्रेन बॉर्डर पर रशिया का ट्रक और बंकर साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। इस कारण रसिया पर इल्जाम भी है कि वो यूक्रेन के अंदर स्टेनोसिस को भड़काने का भी काम किया है। अभी हाल ही में द मॉस्को टाइम्स के आर्टिकल में बताया गया है कि रसिया ने अपने S-400 बटालियन को ट्रेनिंग के लिए बेलारूस भी भेजा है इन सभी एक्टिविटीज को देखने के बाद कह सकते हैं कि रसिया जरूर किसी वॉर की तैयारी कर रहा है।

तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर यूक्रेन रूस के लिए  इतना जरूरी क्यों है? जैसा कि हमने शुरुआत में ही जाना यूक्रेन यूएसएसआर से आजाद होकर बना है तो इसलिए एक तरह से देखा जाए यूक्रेन और रसिया में ज्यादा अंतर भी नहीं है। रूस की संस्कृति ने यूक्रेन को अभी खुद से जोड़े रखा है और यूक्रेन की कैप्टिल केव को रूसी शहरों की मां कहा जाता है। क्योंकि ये पुराने रशियन साम्राज्य का एक प्राचीन शहर है इसके अलावा कुछ राजनीतिक और आर्थिक कारण भी है। जिस वजह से यूक्रेन रशिया के लिए जरूरी है जैसे कि यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधन लेकिन जब रूस ने यूक्रेन के इसक्रिमेनिया को कब्जे में ले लिया तो दुनिया को ये बताया कि इसक्रिमेनिया के निवासी, रशिया के ही मूल निवासी है जोकि रशिया में ही रहना चाहते हैं इस कारण हमने इस्क्रेमनिया को अपने कब्जे में ले लिया है।

Also Read: IPL 2022: आईपीएल 2022 की 10 टीमों के लिए सिलेक्‍ट हुए फाइनल प्‍लेयर्स की लिस्‍ट –

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp