सन 1952 वह समय था जब भारत सरकार ने देश में चीता प्रजाती को विलुप्त घोषित कर दिया था। क्योंकि छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के जंगलों में साल 1948 में देश के आखिरी चीते की मृत्यु हो गई थी। आज यानि 17 सितंबर को 70 साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन की खुशी में सरकार देश में फिर से चीता प्रजाती स्थापित करने जा रही है।
चीता प्रजाती को फिर से भारत में लाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के एक समझौते के अनुसार पांच मादा और तीन नर चीते भारत आ चुके हैं जिन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से तीन चीतों को वहां बनाए गए विशेष बाड़ों में छोड़ देंगे। 2009 में शुरू हुए ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया’ के तहत यह काम किया जा रहा है।
हालांकि चीता फैमली के बारे में विस्तार से बात की जाए तो चीता, तेंदुआ और जैगुआर तीनों एक ही परिवार से आते हैं जिन्हें आप बड़ी बिल्लियाँ भी कह सकते हैं यह तीनों प्रजाती फेलिडे परिवार से संबंधित हैं। चीता का जीन एसिनोनीक्स है जबकि तेंदुआ और जगुआर का जीनस पैंथेरा है। और यह तीनों मांसाहारी जानवर हैं। लेकिन इसके बावजूद भी जैगुआर, चीते और तेंदुए में अंतर करना कभी मुश्किल होता है।
आइए जानते हैं जैगुआर, चीते और तेंदुए में क्या अंतर होता है?
भले ही ये तीनों जानवर एक ही प्रजाती से आते हैं लेकिन इनकी बनावट और जीवनशैली में काफी अंतर होता है। जैगुआर और तेंदुए चीतों से बड़े और भारी होते हैं, लेकिन चीते जैगुआर और तेंदुए की तुलना में अधिक फुर्तीले होते हैं।
जैगुआर को अलग रख दिया जाए तो चीता और तेंदुए लगभग समान ही होते हैं लेकिन एक अंतर इन्हें काफी अलग बनाता है वह है चीते की आंख के पास से गहरी काली लकीर निकलती है और जैगुआर, तेंदुए की तुलना में इसका चेहरा थोड़ा छोटा होता है. बता दें कि चीता दुनिया के सभी जानवर की तुलना में सबसे तेज दौड़ने वाला थलचर जीव है। साथ ही बताया जाता है कि चीता तेज दहाड़ नहीं सकता।
भारत में तेंदुओं की संख्या
भारत के कई राज्यों में तेंदुएं पाए जाते हैं सरकार के आंकडो की मानें तो देश में अब तक 12,172 से 13,535 तेंदुए हैं।
भारत में चीतों की संख्या
अब तक भारत चीता विलुप्त देश था लेकिन दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कम से कम 20 चीते भारत आ रहे हैं। इसके बाद आने वाले समय में भारत में चीता प्रजाती बढ़ सकती है।
भारत में जैगुआर जानवर की संख्या
भारत अभी जैगुआर विलुप्त देशों में शामिल है। लगभग 50% जगुआर अकेले ब्राजील में पाए जाते हैं, और शेष जगुआर आबादी शेष 8 देशों में रहती है जो अमेज़ॅन वर्षावन शेयर करते हैं जिनमें पेरू, बोलीविया, इक्वाडोर, कोलंबिया, गुयाना, सूरीनाम, वेनेजुएला और फ्रेंच के विदेशी क्षेत्र गुयाना शामिल हैं।