प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर, 2021 को देश को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज दिया जाएगा। लेकिन बूस्टर डोज क्या है और क्यों इसका लगना जरूरी है इस पर अभी चर्चा नहीं की गई है।
आइए विस्तार से जानते हैं Booster Dose क्या है और यह कैसे काम करता है।
क्या है बूस्टर डोज Booster Dose ?
एक बूस्टर खुराक, पूरी वैक्सीशन की डोज ले चुके लोगों के लिए अतिरिक्त खुराक हैं। वैक्सीशन प्रक्रिया के बाद एक बूस्टर डोज इम्यूनिटी को फिर से एक्सपोजर प्रदान करता है। इसे लगाने का उद्देशय कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा के सुरक्षात्मक स्तर बढ़ाना है।
किन लोगों को Booster Dose लगना जरूरी है ?
कोरोना के बदलते वैरियंट को देखते हुए उन सभी लोगों को बूस्टर डोज लगना जरूरी है जिनकी इम्यूनिटी खराब है हांलाकि फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगना इसलिए जरूरी है क्योंकि ये लोग 24 घंटे कोरोना मरीजों के इलाज और सेवा में व्यस्त हैं इसलिए इनके संक्रमित होने का खतरा बाकी लोगों की तुलना में अधिक है इसलिए प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा में फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने की घोषणा की।
इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगना जरूरी है, क्योंकि बाकी लोगों तुलना में इन लोगों को अधिक बीमार होने का खतरा रहता है साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की इम्युनिटी भी बाकी लोगों की तुलना में कमजोर होती है।
प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार 10 जनवरी से कोरोना वायरस रोकने के लिए फ्रंटलाइन लाइन वर्कर्स और 10 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज की प्रक्रिया जारी की जाएगी। जिसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।