अध्ययन दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें पूरे भारत के प्रमुख शहरों में रहने वाले 10,000 से अधिक व्यक्तियों के डेटा को देखा गया था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग वायु प्रदूषण के संपर्क में थे उनमें चिंता, अवसाद और तनाव जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का अनुभव होने की संभावना अधिक थी।
अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि निष्कर्ष भारत के शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं।