खजुराहो मंदिर न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया का एक मात्र मंदिर है जो कामुक मूर्तियों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं, आप यूं मान सकते हैं कि दुनिया के कुछ प्रसिध्द Sex Temples का हिस्सा है।
मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इस मंदिर के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं जो आश्चर्यजनक हैं मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले मे स्थित खजुराहो मंदिर लोगों के मन मे कई सवाल खड़े करता है। जैसे कि ये मंदिर किसने और क्यूं बनवाया साथ ही इस मंदिर का इतिहास क्या है तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े कुछ अनसुने और आश्चर्य जनक तथ्यों के बारे में-
किसने बनवाया खजुराहो मंदिर-
खजुराहो के इस कामुक मंदिर के बारे में सुनने और देखने के बाद सबके मन में एक ही सवाल आता है कि यह मंदिर किसके द्वारा बनवाया गया था। मंदिर के ऊपर लिखी गईं किताबों को पड़ने पर पता चलता है कि यह मंदर चंदेल वंश के शासकों द्वारा 950-1050 CE के बीच बनवाया गया था।
खजुराहो मंदिर भारतीय कला के सबसे महत्वपूर्ण नमूनों में से एक हैं। हिंदू और जैन मंदिरों के इस कलेक्शन को आकार लेने में लगभग सौ साल लगे। यहां मूल रूप से 85 मंदिरों का एक संग्रह था, लेकिन समय के साथ संख्या घटकर 25 हो गई है।
क्यूं बनवाया गया ये कामुक मंदिर
प्राचीन इतिहास और किताबों की माने तो खजुराहों मंदिर बनाने के पीछे कई कारण है, जिनमें से सबसे ज्यादा बार यह बताया गया है कि ये मंदिर यौन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, प्राचीन इतिहास में काम वासना का भी एक महत्वपूर्ण स्थान था लोगों ने चार चीजों को अपने जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, धर्म कर्म योग और काम ( काम वासना) लेकिन कामुकता के बारे बारे में लोग अशिक्षित थे, लोग कामुकता को सटीक ठंग से समक्ष पाएं और इसका आनंद ले पाएं इस वजह से ये मंदिर बनाया गया था क्योंकि मंदिर ही एक ऐसी जगह थी जहां अधिक मात्रा में लोग आते थे।
इसके अलावा एक और कारण निकलकर सामने आता है जिसमें ये बताया गया कि प्राचीन राजा काम वासना मे बहुत व्यस्त रहते थे उनकी इसी बात को यादगार बनाने के लिए मंदिरों के बाहर ये नक्काशियां उकेरी गयीं।
मंदिर से जुड़े अन्य तथ्य
- ये सिर्फ एक आम धारणा है कि यहां के पूरे मंदिर संभोग की क्रिया को दर्शाते हैं लेकिन इन मंदिरों की लगभग 10% मूर्तियां कामुकता दर्शाती हैं, बाकी 90% मूर्तियां दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं जैसे काम करने वाले लोग और महिलाओं के कपड़े पहनना, आदि।
- खजुराहो के मंदिरों में देवी-देवताओं की छवियां भी शामिल हैं जिनमें शक्ति और शिव यानि योनी और लिंग, जो कि महिला और पुरुष सिद्धांतों के विभिन्न प्रबंधनों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- मंदिर की अधिकांश संरचनाएं बलुआ पत्थर में निर्मित हैं, साथ ही इनमें गुलाबी, पीले रंग के अलग-अलग नक्काशी शामिल है ऐसा माना जाता कि ये प्राचीन समय में सबसे प्रसिध्द कलाकारों द्वारा बनाया गया था।
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