भारत शायद दुनिया का एक मात्र ऐसा एकलौता देश हैं जहां आपको हर प्रकार के स्कैम या घोटाले देखने को मिल जाऐगें। चारा घौटाले की बात हो या शेयर मार्केट या फिर ऐजुकेशन स्कैम, हर प्रकार की फील्ड में विभिन्न प्रकार के घोटाले सामने आ चुके हैं।
लेनिक साल 2019 में मध्यप्रदेश से सामने आया एक ऐसा स्कैम जिसने एक फिर से पूरे देश हैरान करके रख दिया। दरहसल ये स्कैम सेक्स ब्लैकमैलिंग को लेकर किया गया था जिसका शिकार देश के बड़े बड़े उद्योगपति और राजनेता थे।
आइए जानते हैं क्या था हनी ट्रैप स्कैंडल और इसकी शुरूआत कहां से हुई थी-
हनी ट्रैप स्कैंडल-
17 सिंतबर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजिनियर हरभजन सिंह ने पलासिया पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई जिसमें उन्होनें बताया कि दो औरतें उनसे 3 करोड़ रूपये की मांग कर रही हैं और न देने पर बदले में उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहीं हैं।
पुलिस इस रिपोट पर कार्यवाही करते हुए इंदौर में दो औरतों को एक गाड़ी में 50 लाख रूपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लेती है। इस गिरफ्तारी से आयी जानकारी के मुताबिक पुलिस आगे कार्यवाही करते हुए भोपाल के रिवेरा टाउन इलाके से 4 और लोगों को गिरफ्तार करती है। रातों रात हुई इस गिरफ्तारी में पर्दाफाश होता है मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल का जिसका नाम है हनी ट्रैप स्कैंडल।
पुलिस ने जब आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल की जांच पड़ताल की तो इसमें 4000 से ज्यादा फाइल का खुलासा किया गया था जिसमें देश के बड़े बड़े अधिकारी, राजनेता और उद्योगपतियों के अश्लील वीडियो और फॉटो शामिल थे।
कौन था हनी ट्रैप स्कैंडल का मास्टर मांइड-
सेक्स ब्लैकमैलिंग के इस बड़े स्कैम में 6 गिरफ्तारियां हुई थीं। जिसमें गिरफ्तार होने वाले आरोपियों का नाम था आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता स्पनिल जैन, बरखा सोनी, ओमप्रकारश कोरी और इन सब की लीडर श्वेता विजय जैन।
श्वेता इस स्कैंडल की मास्टरमांइड थीं और पुलिस को कुबुलनामें में उन्होनें इस स्कैम का खुलासा किया था। श्वेता मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर सागर से थीं और अपने सपने पूरे करने के लिए भोपाल शहर आयीं थीं। श्वेता के पति विजय जैन बीजेपी के सक्रिय नेता थे और श्वेता भी राजनीति में अपना नाम कमाना चाहती थीं। लेकिन यहां सफलता न मिलने पर उन्होनें शौहरत की जिंदगी जीने के लिए स्कैंडल का सहारा लिया।
श्वेता ने अमीरों और बड़े लोगों को फसाने के लिए एक प्लान बनाया जिसमें उन्होनें भोपाल के मशहूर अरेरा क्लब को चुना जहां श्वेता ने एक एनजीओ की शुरूआत की। अपने एनजीओ मे श्वेता ने छोटे शहर और गांव से आने वाली लड़कियों को निशाना बनाया जिन्हें अपना हथियार बनाकर श्वेता ने इतने बड़े स्कैम को अंजाम दिया।
श्वेता ऐसे देती थीं स्कैंडल को अंजाम-
अपने टारगेट को फसाने के लिए श्वेता मजबूर और गरीब लड़कियों का सहारा लेती थीं जिन्हें वह बड़े लोगों और नेताओ के पास रात बिताने के पास भेजती थीं। इन लड़कियों के पास छोटे छोटे कैमरे होते थे जिनमें वह नेताओं के वीडियो और फोटो रिकार्ड कर लेती थीं। बाद में इन वीडियों का वायरल करने की धमकी देकर वह लोगों को ब्लैकमैल करके पैसे लेने का प्लान बनाती थीं।
ब्लैकमैलिंग के जरिए सरकार पर राज करना चाहती थीं श्वेता-
श्वेता विजय जैन इस स्कैंडल के जरिए राजनीति में भी अपनी मजबूत पकड़ बना चुकी थीं। राजनेतओं ने ब्लैकमैलिंग के दबाव मे आकर उन्हें सरकारी ठेके देना भी चालू कर दिए थे। इतना ही नहीं 5 से 10 सालों से एक्टिव उनका गैंग सरकार में काफी पकड़ बना चुका था और इसका फायदा उठाकर वह सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर भी कर देती थीं।
मध्यप्रदेश से आगे जाते हुए यह स्कैंडल महाराष्ट्र, छत्तीशगड़ और गोवा में भी फैल चुका था। स्कैम के आरोपियों पर अभी भी कई मुकदमें चल रहे हैं साथ यह स्कैंडल अभी अंडर इंन्वेस्टिगेशन है क्योंकि इस स्कैम में कई बड़े नेताओ और नामची लोगों के नाम सामने आए थे।