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भोपाल का लोहा बाजार जहां मिलता है 20 एमएम के नट से लेकर ट्रक का एक्सल

लोहा बाजार नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि ऐसी जगह जहां लोहे से बना सामान ही मिलता हो। भोपाल में भारत टॉकीज चौराहे से सैफिया कॉलेज रोड के पास से एक रास्ता शहर के सबसे पुराने बाजारों में से एक लोहा बाजार के लिए जाता है। हालांकि भोपाल में एक और लोहा बाजार ओल्ड कबाड़खाने के पास है, लेकिन पिछले 7 दशकों में इसी जगह पर लोहे की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। लोहे से बने छोटे से छोटे नट-बोल्ट से लेकर लोहे का बड़े से बड़ा सामाना भी यहीं मिलता है।

पिछले 7 दशकों में शहर में कई बड़े बदलाव हो गए, लेकिन लोहा बाजार आज भी उसी तरह बना हुआ है। जैसे यह आज से 70 साल पहले तक था। यहां की कई दुकानों की बनावट आज भी 70 साल पुरानी ही है। दुकान मालिकों में उनमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करवाया है। 

कभी कच्ची पगडंडी पर लगा करता था लोहा बाजार : 
यहां के बाशिंदों की मानें तो नवाबी दौर में जब जुमेराती गेट के बाहर की तरफ आबादी ही नहीं थी। तब से ये मार्केट लोहा बाजार के नाम से जाना जाता है। नवाबी दौर में यहां लोहे से बने सामान की दुकानें लगा करती थीं। 80 साल के नन्हें मियां बताते हैं कि उस दौर में यहां से गुजरने वाला रास्ता बहुत संकरा था। साथ ही रास्त कच्चा होने के कारण यहां दिन भर धूल उड़ा करती थी। उस दौर में धूल, मिट्टी वाले रास्ते पर ही दुकानें लगा करती थीं।


लेकिन समय के साथ-साथ यहां कई बदलाव हुए। रास्ता चौड़ा किया गया और आसपास कई दुकानों का निर्माण हुआ, लेकिन उसके बाद से लोहा बाजार कभी नहीं बदला। पिछले 70 सालों में यहां किसी भी तरह के बदलाव नहीं हुए हैं। यहां की कुछ दुकानों का संचालन तो तीसरी पीढ़ी तक कर रही है।

केवल किचन का सामान मिलता था यहां : 
ओल्ड सैफिया कॉलेज निवासी शमीम खान की मानें तो नवाबी दौर में यहां नवाब के वजीर तक खरीदारी करने आते थे। उस समय यहां केवल किचन में उपयोग होने वाला लोहे का सामान ही मिला करता था। इस सामान में मुख्यत: लोहे के बर्तन, तवा, चिमटा, लोहे की चिमनी और लालटेन सहित कई तरह का सामान मिलता था। लेकिन समय के साथ-साथ यहां बर्तनों के साथ लोहे का अन्य सामान भी मिलने लगा है। 


वर्तमान में यहां किचन के सामान के अलावा लोहे का अन्य सामान जैसे जिम इक्यूपमेंट, कूलर, अलमारी, पलंग, लोहे के टूल्स, तराजू, बांट, खाने के चम्मच से लेकर बड़े बर्तन, हर प्रकार के वाहन के पुराने पुर्जे, लोहे का हर तरह का सैकेंड हैंड सामान, लोहे का कबाड़ा सहित हर वो सामान जिसे बनाने में लोहे का प्रयोग होता है यहां मिलता है।

असुविधाओं के कारण परेशान हैं दुकानदार : 
यहां के दुकानदार यहां विकास न होने से बहुत निराश है। व्यापारियों की मानें तो यहां से रोजाना शहर में लाखों रुपए का रोजगार होता है। लेकिन यहां की खराब की सड़क पर डामरीकरण नहीं किया जा रहा है। साथ ही बीच में डिवाइडर बनाने से रोजाना लंबा जाम लगता है और दिन-प्रतिदिन इस क्षेत्र में काफी अतिक्रमण भी हो रहा है।


वहीं यहां के नाले की लंबे समय से सफाई न होने के कारण बारिश के दिनों में अक्सर यहां पर तीन फीट तक जलभराव भी हो जाता है, जिसके कारण यहां के दुकानदार बहुत परेशान हैं।

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