रेलवे के अधिकारियों की मानें तो श्वानों को स्टेशन परिसर में आने से रोकने के कई उपाय किए गए, लेकिन कारगर नहीं हुए। ये आवारा जानवर किसी न किसी रास्ते से खाने और छत की खोज में प्लेटफॉर्म पर आ ही जाते हैं और इनके कारण डॉग बाइट की शिकायतें तो मिलती ही हैं। रेलगाड़ियों से इनके घायल होने और जान जाने तक का खतरा बना रहता है।
डाॅग्स के खाने पीने की होगी व्यवस्था :
आवारा श्वानों के स्टेशन में रहने के कारण शिकायतें तो नियमित आती रहती हैं, लेकिन इनकी समस्या के निदान के कोई ठोस उपाय नहीं मिलते हैं। कई बार नगर निगम के द्वारा भी इन्हें पकड़वाया गया, लेकिन ये कुछ समय बाद वापिस स्टेशन परिसर में आ जाते हैं। इसलिए भोपाल रेल मंडल ने डीआरएम (DRM Bhopal) के निर्देशानुसार नई पहल करते हुए स्टेशन से थोड़ा हटकर आवारा श्वानों के लिए शेल्टर (आश्रय घर) बनाने शुरू किए हैं और वहां पर श्वानों के भोजन-पानी की व्यवस्था भी की गई है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो इससे स्ट्रीट डॉग्स का ध्यान शेल्टर की तरफ़ बंटेगा और वो स्टेशन से दूर रहेंगे।
डीआरएम का आदेश बेजुबानों से न हो मारपीट :