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प्रॉपर्टी पर हक पाना है तो इस गलतफ़हमी से दूर रहें, सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बन पाएंगे प्रॉपर्टी के मालिक!!

Property Registration

Property News: यदि आप भारत में कोई घर या जमीन खरीदते हैं, तो आपको इसे आधिकारिक तौर पर लेने के लिए कुछ नियमों का पालन करना पढ़ता है। आप किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं तो आपको भारतीय रजिस्ट्रेशन एक्ट (Indian land registration act) को फॉलो करना अनिवार्य है। Property Registration का पूरा ध्यान रखे ताकि आपको किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े।

Indian Land Registration Act

  • Indian Land Registration Act के तहत यदि आप संपत्ति किसी और को देना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए लिखित कार्यवाई कर वाना होगा और ट्रांसफर करने के लिए आपको अपने नजदीकी सब-रजिस्‍ट्रार ऑफिस में रजिस्‍टर्ड भी करवाना होगा। यहां तक ​​​​कि अगर आपको कागजात मिलते हैं जो कहते हैं कि आप संपत्ति के मालिक हैं, तब भी आपको यह सुनिश्चित करने के लिए इन नियमों का पालन करना होगा कि यह वास्तव में आपके है या नहीं।
  • यह बात तो सभी जानते हैं कि अगर आप किसी भी तरीके के दुकान, जमीन, घर और प्लॉट को खरीदते हैं तो इसके लिए रजिस्ट्री करानी पड़ती है लेकिन सिर्फ रजिस्ट्री कराने से ही आप उस संपत्ति के मालिक नहीं हो जाते हैं।

Property registration क्या है?

Property Registration

Credit: Google

  • कभी-कभी, लोगों को लगता है कि सिर्फ पंजीकरण कराने से ही वे किसी संपत्ति के मालिक हो जाते हैं, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता है। ऐसे Property Registration में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि जब कोई अपनी संपत्ति का संपार्श्विक (Collateral) के रूप में उपयोग करके बहुत सारा पैसा उधार लेता है या जब कोई एक ही संपत्ति को दो अलग-अलग लोगों को बेचता है तो आपको बड़े धोखाधड़ी का सामना करना पढ़ सकता है।
  • आपको हमेशा रजिस्ट्री कराते हुए इस बात का ध्यान रखना है कि जमीन का नामांतरण यानी म्यूटेशन भी अपने नाम कराना है। Property Registration कराते हुए इस बात का ध्यान रखें कि नामांतरण का आधार आपके अपने नाम पर कराना होगा, तब आप संपत्ति के पूरे हकदार हो सकते हैं।
  • इन समस्याओं से बचने के लिए, न केवल Property Registration करना बल्कि यह भी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भूमि आधिकारिक तौर पर आपके नाम पर स्थानांतरित हो चुकी है या नहीं। इस तरह, आप वास्तव में संपत्ति के मालिक हो सकते हैं।

Property Registration Process 

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  • सबसे पहले संपत्ति या जमीन की मार्केट वैल्यू निर्धारित की जाती है। इसके बाद स्टाम्प पेपर खरीदे जाते हैं। रजिस्ट्री से पहले इन स्टांप पेपर पर ही बैनामा टाइप कराया जाता है।
  • स्टांप ड्यूटी जमीन के मालिक के लिए मालिकाना सबूत के तौर पर होती है। बैनामा के दौरान जमीन की खरीद-बिक्री के लिए वर्तमान मालिक और खरीदने वाले व्यक्ति की सारी जानकारी दर्ज की जाती है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन कराया जाता है।
  • रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री करवाई जाती है। रजिस्ट्री में दो गवाह की भी जरूरत पड़ती है. जिनके फोटो, आईडी कार्ड और हस्ताक्षर बैनामा में शामिल किये जाते हैं. जमीन से जुड़े जरूरी दस्तावेज के साथ दोनों पार्टियों की पहचान संबंधी कागजात भी दिये जाते हैं।
  • रजिस्ट्री के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से एक पर्ची मिलती है. जो काफी मायने रखती है. हमेशा इस पर्ची को संभालकर रखना चाहिए। पर्ची मिलने का मतलब रजिस्ट्री पूरी हो गई है। अब खरीददारी को संबंधित खरीदी हुई जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा।

दाखिल-खारिज कराना है जरूरी

Property Registration

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  • आम बोलहल की भाषा में Property Registration को दाखिल-खारिज भी कहा जाता है, आपको यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कागजी कार्रवाई सही तरीके से की गई है यह नहीं।
  • दाखिल-खारिज का मतलब होता है कि आधिकारिक तौर पर पुराने कागजी कार्रवाई को रद्द करना, जिसमें कहा गया है कि वह ज़मीन किसी और के नाम है और अब यह आपके नाम पर ट्रैन्स्फर होने वाली है।

यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति वास्तव में आपकी होने वाली है या हो चुकी है। आपको बता दें कि रजिस्ट्री सिर्फ ओनरशिप ट्रांसफर करने का काम करती है जबकि इसके बाद स्वामित्व देने का काम दाखिल-खारिज से होता है। कोरोना काल के सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का प्रचलन बढ़ने के बाद रियल एस्टेट (Real Estate) और हाउसिंग कंपनियों ने ऑनलाइन प्रॉपर्टी प्रमोशन (Property Promotion) और बेचने पर ज्यादा ध्यान दिया।

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