Pawan Singh: BJP की ओर से टिकट दिए जाने के महज कुछ घंटे बाद ही भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह ने आसनसोल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इस सीट पर अभी तृणमूल कांग्रेस के नेता शत्रुध्न सिन्हा लोकसभा सांसद हैं.
आसनसोल से चुनाव लड़ने को थे तैयार
अब तक सभी यही मान रहे थे कि टिकट पवन सिंह ने लौटाया था और वो आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन अब पवन सिंह ने बताया है कि वो खुद आसनसोल से चुनाव लड़ने को तैयार थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के दबाव में ही उन्होंने टिकट वापस किया था।
BJP की खोल दी पोल(Pawan Singh)
शुभंकर मिश्रा ने पवन सिंह से लिया इंटरव्यू और पूछा खेसारी लाल के बारे में क्या दूध पीते हैं वह की बीयर पीते ।।#Pawan Singh #Khesarilal Yadav pic.twitter.com/wVMpjwsSYB
— Abhishek Kumar (@Abhishe58085814) September 10, 2024
एक पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए पवन सिंह ने बताया कि उनके एक गाने के चलते पार्टी के कुछ नेताओं ने उनका विरोध किया, जिसके बाद बंद कमरे में कुछ नेताओं के साथ बातचीत के बाद उन्होंने अपना टिकट लौटाने का फैसला किया।
गाने पर विवाद के बाद दबाव
भोजपुरी स्टार ने कहा कि ‘बंगाल वाली माल’ गाना पर विवाद होने के बाद उनसे टिकट वापस करवाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर आसनसोल से चुनाव न लड़ना होता तो वो पहले ही बोल देते। पवन सिंह(Pawan Singh) ने कहा कि टिकट मिलने के बाद उनके कुछ गाने वायरल होने लगे थे, खासकर वो गाने जो बंगाल से जुड़े थे।
‘मनोज भैया गाना नहीं गाए हैं गोरिया बंगाल के दगा दे गईल…’
इंटरव्यू के दौरान एक और सवाल पर कि पवन सिंह(Pawan Singh) आसनसोल से लड़ना नहीं चाहते थे, यह झूठी खबर है? इस पर पावरस्टार पवन सिंह ने कहा, “अगर नहीं लड़ना चाहता तो मैं हामी क्यों भरता? कोई प्रेशर तो था नहीं? मनोज भैया (मनोज तिवारी) गाना नहीं गाए हैं, गोरिया बंगाल के दगा दे गईल?”
बता दें कि पवन सिंह भले काराकाट से चुनाव हार गए लेकिन इस सीट पर एनडीए से चुनाव लड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा को भी नुकसान हुआ था. ना पवन सिंह जीते और ना ही उपेंद्र कुशवाहा की जीत हुई. ऐसे में तीसरे यानी माले से राजाराम सिंह ने बाजी मार ली. राजाराम सिंह महागठबंधन से उम्मीदवार थे.
बिहार में बीजेपी को पांच सीटों का हुआ था नुकसान
2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को हुआ था. बिहार में बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि जेडीयू 16 सीट पर मैदान में थी. दोनों पार्टी 12-12 सीट जीत पाई. बीजेपी(Pawan Singh) को पांच सीटों का नुकसान हुआ था. बक्सर से मिथिलेश तिवारी हार गए. औरंगाबाद से तीन बार लगातार सांसद रहने वाले सुशील कुमार सिंह हार गए. दो बार सांसद रहे आरा लोकसभा के आरके सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा. पाटलिपुत्र से दो बार सांसद रहे रामकृपाल यादव भी हार गए. सासाराम से शिवेश राम को टिकट दिया गया और लेकिन वह भी हार गए.
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