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National Education Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

National Education Day 2021: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती (maulana abul kalam azad) के उपलक्ष्य में 11 नवंबर को हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे और उन्होंने 1947 से 1958 तक देश की सेवा की।

जानिए कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद

मौलाना अबुल कलाम  का पूरा नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन आजाद है उनका जन्म 1888 में मक्का, सऊदी अरब में हुआ था लेकिन वे भारत के निवासी थे उन्‍होनें देश में ब्रिटिश शासन को दूर करने के लिए स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपनी भूमिका निभाई, उन्होंने ब्रिटिश नीतियों की आलोचना करने के लिए 1912 में उर्दू में एक साप्ताहिक पत्रिका अल-हिलाल शुरू की जिसमें उन्‍होनें लोगों को ब्रिटिश राज लड़ने के लिए उजागर किया।

इसके अलावा आजाद ने महिलाओं की शिक्षा की पुरजोर वकालत की। 1949 में केंद्रीय सभा में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा का कोई म‍हत्‍व नहीं है अगर देश महिलाओं की उन्नति के लिए विचार नहीं करती है। उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया और शैक्षिक लाभ के लिए अंग्रेजी भाषा के उपयोग की वकालत की। हालांकि उनका मानना ​​था कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए।

शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, पहले IIT, IISc, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की गई थी। संगीत नाटक, ललित कला अकेडमी, साहित्य अकेडमी के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद सहित सबसे प्रमुख सांस्कृतिक, साहित्यिक विघालयों की स्‍थापना हुइ।

आजाद को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1958 में अंतिम सांस ली। 11 नवंबर, 2008 को भारत के इस महान सपूत के जन्मदिन को उनके योगदान को याद करते हुए  National Education Day मनाने की घोषणा की गई।

 National Education Day 2021 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के कई बड़े नेताओं ने मौलाना अबुल कलाम आजाद को याद किया है।

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