अमेरिकी सैनिकों द्वारा मारे गए मशहूर आंतकवादी ओसामा बिन लादेन का पूर्व सहयोगी और अल-कायदा कमांडर अमीन-उल-हक (Amin-ul-Haq) तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान लौट आया है। हाल ही में पत्रकार बिलाल सरवरी ने अमीन-उल-हक को एसयूवी में दिखाते हुए एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। सरवरी ने कहा कि अमीन-उल-हक तोरा बोरा में लादेन का सुरक्षा प्रभारी था।
सूत्रों की माने तों अमीन उल हक (Amin-ul-Haq) ओसामा बिन लादेन के साथ कई ऑपरेशन को अंजाम दे चुका है जो अब अफगानिस्तान की सरकार का हिस्सा बनने जा रहा है।
यहां देखें वीडियो:
Dr. Amin-ul-Haq, a major al-Qaeda player in Afghanistan, Osama Bin Laden security in charge in Tora Bora, returns to his native Nangarhar province after it fell to the Taliban. Dr. Amin became close to OBL in the 80s when he worked with Abdullah Azzam in Maktaba Akhidmat. pic.twitter.com/IXbZeJ0nZE
— BILAL SARWARY (@bsarwary) August 30, 2021
9/11 के हमलों के तुरंत बाद बिन लादेन तोराबोरा की गुफाओं में छिप गया था। उस समय अमीन Amin-ul-Haq भी लादेन के साथ था। बाद में वह पाकिस्तान चला गया।
कई सालों बाद Amin-ul-Haq आज जब हक लग्जरी कार से नंगरहार लौटे तो उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और वे कार के अंदर से उनका अभिवादन स्वीकार करते रहे। अमीन के काफिले में कुछ तालिबानी आतंकी भी शामिल थे।
सोवियत सेनाओं के खिलाफ भी युद्ध लड़ चुका है अमीन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमीन ने अल कायदा में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी थी। अमीन का नाम 2001 में अमेरिका द्वारा जारी वैश्विक आतंकवादियों की सूची में भी शामिल था।
खुफिया रिपोर्टों का कहना है कि अल-कायदा अगले 18 से 24 महीनों में फिर से मजबूत हो सकता है और यह दुनिया के लिए एक नया खतरा बन सकता है। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद आतंकी संगठन फिर से एकजुट हो सकते हैं। वैसे भी जहां आईएसआईएस और तालिबान के बीच दुश्मनी है, वहीं अलकायदा और तालिबान के बीच अच्छे संबंध बताए जाते हैं।
2008 में हो चुका था गिरफ्तार
खबरों के अनुसार अमीन को लादेन और अल कायदा का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता माना जाता था। 2008 में पाकिस्तान में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि बिन लादेन के मारे जाने के लगभग 6 महीने बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया था। पाकिस्तानी जांच एजेंसियां अमीन के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सकीं। अमीन कई वर्षों से बिन लादेन के साथ था और उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था। ऐसा माना जाता है कि वह लगभग 20 साल पाकिस्तान में रह चुका है। तालिबान के कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान अमीन उल हक का नया घर होगा।
यह भी जरूर पढें- Kabul Airport Video: काबुल एयरपोर्ट से एक बार फिर आए हैरान कर देने वाले वीडियो-