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व्यापम स्कै‍म: जानिए देश के सबसे बड़े मर्डर स्कैम के बारे में जिसमें शामिल थे कई बड़े पॉलिटिशियन

भोपाल: सन 2013 जब सरकारी नौकरियों को लेकर हुआ देश का अब तक का सबसे बड़ा स्‍कैम सामने आया था। व्यापम घोटाला एक प्रवेश परीक्षा, और सराकी भर्ती स्‍कैम था। इसमें बड़े पॉलिटिशयन, सरकारी अधिकारियों और व्यवसायियों के नाम सामने आए थे। इसे देश का मर्डर स्‍कैम भी कहा जाता है इसके पीछे की वजह इस घोटालें की छानबीन के चलते हुईं 100 से ज्‍यादा मौते थीं।

व्‍यापम स्‍कैम

मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (MPPBP) या व्‍यापम, राज्य में कई प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने का एक सरकारी संस्‍थान है। इन प्रवेश परीक्षाओं का उपयोग सरकारी नौकरियों में भर्ती और राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए किया जाता है। व्‍यापम में हुए इस स्‍कैम के चलते 77 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने कॉलेज की सीटें और सरकारी नौकरी पाने के लिए रिश्वत दी। इस रिश्‍वत लेने वाली लिस्‍ट में परीक्षा बोर्ड सरकारी अधिकारी और बड़े पॉलिटिशियन शामिल थे।

कब हुई व्‍यापम स्‍कैम की शुरूआत ?

वैसे तो व्‍यापम में चल रहे इस स्‍कैम का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन इस घोटाले का पहला मामला 2013 में इंदौर के मेडिकल कॉलेज से सामने आया जब इंदौर पुलिस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा दे रहे 12 फर्जी छात्रों को गिरफ्तार किया। इंदौर मामलें के बाद जब इस स्‍कैम के बारे में छानबीन की गई तो इसमें मध्‍यप्रदेश के बड़े राजनेता और कई सरकारी अधिकारीओं का नाम सामने आया। साथ ही यह भी सामने आया कि यह घोटाला सिर्फ मेडिकल की परीक्षा में तक ही सीमित नहीं था बल्कि राज्‍य में होने वाली सभी सरकारी नौकरियों में घौटाले हो रहे थे।

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क्‍यों कहा जाता देश का सबसे बड़ा मर्डर स्‍कैम ?

इस घौटाले के छानबीन के चलते 100 से ज्‍यादा अज्ञात मौतें सामने आयीं जिनमें शामिल व्यक्तियों की 23 से 40  मौतें मर्डर साबित हुईं, जिनमें पूर्व सांसद राज्यपाल के बेटे की मौत भी शामिल है और सड़क दुर्घटनाओं में कई ऐसे छात्रों की मौतें भी सामने आयी जिनका नाम इस घौटाले से जुड़ा था।

इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के इस  घोटाले में सीबीआई 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें व्‍यापम घौटाले के प्राइम आरोपी सुधीर शर्मा शामिल थे। सुधीर शर्मा एक सरकारी टीजर लेकिन अपने बड़े पॉलिटिकल कनेक्‍शन के कारण वह इस बड़े घोटालें मे शामिल थे। सीबीआई पूछताछ के बाद मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी इस घौटाले में सामने आया था।

रैकेट में शामिल बड़े नेताओं के नाम

व्यापम घोटाले में कई संगठित रैकेट शामिल थे। इनमें डॉ जगदीश सागर, डॉ संजीव शिल्पकार और संजय गुप्ता के नेतृत्व वाले गिरोह शामिल थे, जिन्हें पीएमटी घोटाले का “किंगपिन” बताया गया था। पीएमटी 2013 के लिए डॉ। सागर ने 317, शिल्पकार ने 92 और संजय गुप्ता ने 48 छात्रों के नाम दिए थे जिनकी फर्जी भर्तीओं के बड़ी मात्रा में रिश्‍वत ली गई थी।

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