अखुंदजादा संभालेगा अफगानिस्तान की कमान: तालिबान ने काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है खबरों की माने तो अफगानिस्तान सरकार के गिरने के बाद अब नये शासक हिब्तुल्लाह अखुंदजादा को अमीर की गद्दी सौफीं गई है। जिसके नीचे पूरी अफगान सरकार काम करने वाली हैं।
हैरान कर देने वाली खबर ये है कि अफगान तालिबान का नया नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा का इतिहास बहुत ही चौकाने वाला है। बताया जा रहा है कि अखुदजादा कंधार का एक कट्टर धार्मिक विद्वान है, वह वर्षों से तालिबान अदालतों में एक वरिष्ठ व्यक्ति रहा है और माना जाता है कि उसने इस्लामी दंडों के समर्थन में अखुंदजादा द्वारा काफी क्रूर निर्णय जारी किए गए हैं।
हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा के बारे में कुछ अहम बातें-
- एक सैन्य कमांडर की तुलना एक धार्मिक नेता (हिबतुल्लाह अखुंदजादा) के अधिकार ज्यादा शक्ति शाली माने जाते हैं। अखुंदजादा तालिबान के अधिकांश फतवे जारी करने के लिए जिम्मेदार रहा है।
- कहा जाता है कि अखुंदजादा ने 55 साल से अधिक समय और अपना जीवन अफगानिस्तान के अंदर बिताया है।
- कुछ सबूत ये भी बताते हैं कि अखुंदजादा क्वेटा शूरा के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है, अफगान तालिबान नेताओं ने कहा कि वह पाकिस्तानी शहर क्वेटा में स्थित है।
- अखुंदजादा दक्षिणी कंधार प्रांत से आता है जो नूरजई जनजाति से संबंध रखता है।
- अरबी में हिबतुल्लाह नाम का अर्थ है “अल्लाह का दिया हुआ उपहार”
1990 में तालिबान से जुडा:
इतिहास बताता है कि कंधार के पंजवाई जिले में जन्मा हिबतुल्ला अखुंदजादा 1990 के दशक में सोवियत सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान में शामिल हुआ। बहुत ही कम समय में अखुंदजादा को तालिबान सरकार में सरिया चीफ जस्टिस की उपाधि दी गई। इससे पहले हिबतुल्ला अखुंदजादा ने मिलिट्री कमांडर के रूप में काम किया।
2016 में बना चीफ कमांडर
2016 तक सभी तालिबान चीफ अखुंदजादा से किसी भी प्रकार के धार्मिक मामलों में सलाह लेते थे, इसके बाद मई 2016 में मुल्ला मंसूर की मौत तुंरत बाद अखुंदजादा को तालिबान चीफ घोषित किया गया।
16 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित
15 अगस्त 2021 में रविवार को काबुल पर कब्जा करने के साथ ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर अपना अधिकार साबित कर लिया इसके ठीक एक दिन बाद हिबतुल्ला अखुंदजादा को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बना दिया गया।