RBI: रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे।
देश में महंगाई काबू में आने के बाद भी RBI ने दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। देश में महंगाई का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्ब बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों में बढ़ोत्तरी की ऐलान किया है।
इसके बाद रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गया है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।
देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी को नुकसान ही हुआ है।
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RBI की एमपीसी बैठक में निर्णय
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक में लिए गए निर्णयों की घोषणा की। बता दें कि एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी किए जाने की आशंका जता रहे थे।
आप गौर करें तो इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी किया गया था। RBI ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में वृध्दि करते हुए कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया है।
एमपीसी की बैठक में शामिल छह में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में इजाफे का समर्थन किया। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए निर्णयों का ऐलान करने के साथ ही महंगाई को लेकर भी अनुमान जाहिर किया।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में महंगाई 4 फीसदी से ज्यादा रह सकती है और वित्त वर्ष 2023-24 में रियल जीडीपी 6.4 प्रतिशत तक रह सकती है।
RBI बैठक से लोन प्रभावित!
RBI द्वारा निर्धारित रेपो रेट सीधे बैंकों के लोन को प्रभावित करता है। अगर इसकी दरें बढ़ती हैं, तो लगभग होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सभी तरह का लोन महंगा होगा।
क्या है रेपो रेट
दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है।
रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में वृध्दि होने से सभी तरह का लोन महंगा होता है। इस क्रम में ईएमआई में भी वृध्दि देखने को मिलती है।
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