Police Commissioner System MP: मध्य प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है। यह 9 दिसंबर 2021 को लागू किया गया।
कमिश्नर सिस्टम लागू करने से पहले यह कहा जा रहा था कि इससे अपराध पूरी तरह नियंत्रण में रहेगा। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि रेप और मर्डर के मामलों में वृध्दि और ज्यादा हो गई है।
बता दें कि यह आंकड़े सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में दिए हैं। (Police Commissioner System MP)
विधानसभा में दिया जवााब
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नरेट लागू हुआ। उस 2021 के वक्त राजधानी भोपाल में दुष्कर्म के मामले 330 थे। साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 384 पहुंच गया।
वहीं इंदौर में दुष्कर्म के आंकड़े 2021 में 302 थे, जो वर्ष 2022 में इसकी संख्या 384 हो गई है। यह आंकड़े विधानसभा में सवाल के जवाब के दौरान दिए गए। (Police Commissioner System MP)
अपराधों की तादात में बढ़ोत्तरी
बताते चले कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद से बड़े अपराध जैसे रेप, सुसाइड और हत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। (Police Commissioner System MP)
वहीं अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में SC के खिलाफ 3656 मामले दर्ज किए थे, जो 2022 में बढ़कर 8293 हो गए। (Police Commissioner System MP)
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जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले 456 से बढ़कर 593 हो चुके हैं। मतलब कुल मिलाकर अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े अपराधों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है। (Police Commissioner System MP)
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