कांग्रेस अध्यक्ष Rahul Gandhi इन दिनों अपने ऊपर लगे मान हानि के केस को लेकर चर्चा पर बने हुए है। इससे जुड़ी नई जानकारी सामने आई सामने। Rahul Gandhi पर मोदी सरनेम को लेकर केस दर्ज किया गया था। जिसमे मानहानि के मामले में 23 मार्च को राहुल गाँधी को 2 साल की सजा सुनाई गयी थी। जिसका विरोध करते हुए राहुल गाँधी ने सूरत कोर्ट में याचिका दर्ज कराई थी। जिस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत इस पर 20 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी।
Rahul Gandhi की याचिका पर सूरत कोर्ट में हुई सुनवाई

Rahul Gandhi ने अपने ऊपर लगे मानहानि के मामले को लेकर सूरत कोर्ट में याचिका दर्ज की थी। जिसमे 2 मुख्य आवेदन किये गए थे। पहला अर्जी दोषसिद्धि पर रोक लगाना और दूसरा सजा पर स्टे लगाने के लिए। इन याचिकाओं पर 11 अप्रैल को सुनवाई की थी। जिसमे राहुल गाँधी की ओर उनकी वकील ने आरएस चीमा ने अपनी बात रखी। कोर्ट ने अपना फैसला ले लिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल को हो सकती है।
राहुल की वकील ने अदालत में रखी ये बात
Rahul Gandhi की वकील आरएस चीमा ने कहा कि पंजाबी पंजाबी स्वभाव में तेज़ होते है। उनकी आम भाषा में ही गलियों का प्रयोग होता है। तो क्या ऐसे में मै उनपर मानहानि का केस कर दू क्या ? वकील चीमा ने यह भी कहा कि Rahul Gandhi केवल आधे घण्टे में ही दोषी बना दिया गया।

बता दे कि कर्नाटक के कोलार में दिए एक भाषण के कारण ही राहुल गाँधी पर केस कर्ज हुआ है। केस दर्ज करने वाले व्यक्ति का नाम पूर्णेश मोदी है। पूर्णेश मोदी को इस भाषण कि जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिये हुई थी।
वकील चीमा के विरोध में जवाब देते हुए ये कहा न्यायधीश ने
Rahul Gandhi की वकील आरएस चीमा के तीखे सवालो के जवाब में कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपको कोर्ट ने चेतावनी दी थी लेकिन आप ढीट हो। आपको अदालत की बात समझ नहीं आई। इस पर चीमा ने अदालत से मांगते हुए कहा इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करने के लिए माफ़ी चाहती हूँ, लेकिन जज स्वभाव में काफी कठोर थे। उनके गुमराह किया गया था।
Rahul Gandhi को फसाया गया : आरएस चीमा

वकील आरएस चीमा ने यह भी कहा कि Rahul Gandhi को जबरदस्ती इस मामले में फसाया गया है क्योकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बयान दिया। लेकिन उनका भाषण मानहानि करने लायक नहीं था। ये बाते वकील चीमा ने राहुल गाँधी की ओर से अदालत में पेश की थी। बता दे मामले में राहुल गाँधी को 2 साल की सजा सुनाई गई है। जिसके बाद Rahul Gandhi से संसद की सदस्यता छीन ली गई थी। बता दे मानहानि मामले में सजा सुनाए जाने और संसद की सदस्यता खोने के बाद पहली बार राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुँचे थे।