Flipkart IPO: ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट अगले 12-15 महीनों में अपना इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की वैल्यू करीब 36 बिलियन डॉलर यानी 3.04 लाख करोड़ रुपये है। Flipkart IPO देश में किसी भी स्टार्टअप का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू हो सकता है।
भारत का स्टार्टअप सेक्टर दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है और इसी वजह से इस इश्यू को अहम माना जा रहा है। Flipkart अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी वॉलमार्ट की सब्सिडियरी है। Flipkart को सिंगापुर से भारत में अपना डोमिसाइल शिफ्ट करने के लिए आंतरिक मंजूरी मिल गई है। इसे कंपनी के आईपीओ की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
Flipkart IPO होगा लिस्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के आईपीओ की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अगले 12 से 15 महीनों में कंपनी लिस्ट हो सकती है। ज़ोमैटो, नायका और स्विगी जैसी कई कंज्यूमर इंटरनेट कंपनियों की सफल लिस्टिंग के बाद रिटेल निवेशकों की दिलचस्पी स्टार्टअप कंपनियों में बढ़ी है।
इससे पहले 13 मई को खबर आई थी कि Flipkart अपनी पैरेंट कंपनी को वापस भारत लाने की योजना बना रही है। ऑनलाइन कॉमर्स की इस दिग्गज कंपनी ने इस साल करीब 1 बिलियन डॉलर यानी 8,470 करोड़ रुपये का फंड भी जुटाया है। इसमें गूगल का 350 मिलियन डॉलर यानी 2,964 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है।
Flipkart 2021 से ही आईपीओ की योजनाओं पर चर्चा कर रही है, लेकिन 2022-23 के बीच बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण कंपनी ने इन चर्चाओं को रोक दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में कई कंज्यूमर कंपनियां भारत में लिस्ट हुई हैं। जिसके बाद एक बार फिर फ्लिपकार्ट के शेयर बिक्री में दिलचस्पी बढ़ गई है।
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सिंगापुर से भारत में हेड ऑफिस शिफ्ट किया जा रहा है
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली इस फर्म को सिंगापुर से भारत में अपना मुख्यालय शिफ्ट करने के लिए आंतरिक मंजूरी मिल गई है, जिसे आईपीओ की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है और इसका लक्ष्य अगले कैलेंडर वर्ष के अंत तक या 2026 की पहली तिमाही के भीतर शेयरों की सार्वजनिक बिक्री करना है। मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि आईपीओ लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह स्पष्ट रूप से समझा जा रहा है कि कंपनी को इस समय अवधि के भीतर सार्वजनिक हो जाना चाहिए।
वॉलमार्ट के पास 81% हिस्सेदारी है
Flipkart में वॉलमार्ट की हिस्सेदारी करीब 81% है। फ्लिपकार्ट के निवेशकों में सॉफ्टबैंक और जीआईसी भी शामिल हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग ने इस साल त्योहारी सीजन के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये की बिक्री की है। त्योहारी सीजन के दौरान फ्लिपकार्ट ने अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा।
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