Basic Services Demat Account का मतलब ऐसे डीमैट अकाउंट से है, जिसमें बेसिक सुविधाएं मिलती हैं। यह अकाउंट ऐसे रिटेल निवेशक के लिए होता है जो स्टॉक्स, बॉन्ड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स आदि में नियमति रूप से निवेश नहीं करते। इस अकाउंट की मेंटेनेंस कॉस्ट कम होती है
डीमैट खाते के नियम क्या हैं?
सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार डीमैट खाते के लिए केवाईसी नियमों के अनुसार अपने पैन कार्ड को अपने डीमैट खाते से लिंक करना अनिवार्य है। – अपना डीमैट खाता बनाए रखने के लिए किसी न्यूनतम राशि की आवश्यकता नहीं है। – खाताधारक को वार्षिक शुल्क के साथ-साथ आपके व्यापार का एक प्रतिशत अनिवार्य ब्रोकरेज शुल्क के रूप में भुगतान करना होगा।
एक व्यक्ति के कितने डीमैट खाते हो सकते हैं?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारत में एक से अधिक डीमैट खाता खोलने पर कोई सीमा नहीं लगाता है। यह आवश्यक है कि सभी डीमैट खाते पैन से ठीक से जुड़े हों ताकि सभी निवेशों का व्यापक डेटा सेबी के केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहीत हो सके।
क्या है बेसिक Demat Account?
बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (Basic Services Demat Account) डीमैट अकाउंट का ही एक प्रकार है। यह अकाउंट रिटेल इन्वेस्टर के लिए होता है। इस अकाउंट में निवेशक स्टॉक्स, बॉन्ड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स आदि का निवेश नहीं कर सकता है। इसके अलावा इस अकाउंट की मेंटेनेंस कॉस्ट भी कम होती है।
सेबी ने इस अकाउंट में सिक्योरिटीज लिमिट को बढ़ाने के लिए कंसल्टेशन(Demat Account) पेपर जारी किया है। सेबी ने कंसल्टेशन पेपर में पूछा है कि क्या बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट की लिमिट को बढ़ाना चाहिए या नहीं।
सेबी क्यों बढ़ाने जा रहा है लिमिट?
पेपर में यह भी कहा गया है कि पिछले दशक में बेंचमार्क सूचकांकों की ग्रोथ और सिक्योरीटीज मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स का पार्टिसिपेशन बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। रेगुलेटर बीएसडीए के मेंटेनेंस चार्ज पर भी विचार कर रहा है। अभी अकाउंट में 1 लाख रुपये तक की डेट सिक्योरिटीज और 50,000 रुपये की नॉन-डेट सिक्योरिटीज होने पर ब्रोकरेज फर्म कोई फीस नहीं लेती है। इस लिमिट को बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
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