Top News

national press day: मिलिए देश के सबसे निडर पत्रकारों से जो सही मायनो में करते हैं देश के लिए रिपोर्टिंग

पत्रकार या रिपोर्टर वे लोग होते हैं जो पत्रकारिता की गतिविधियों को अंजाम देते हैं या वे लोग जो नियमित रूप से समाचार लिखते हैं उनके लेखन को नियमित रूप से मास मीडिया में भेजा/प्रकाशित किया जाता है। यह रिपोर्ट समाचार पत्रों, टेलीविजन, रेडियो, पत्रिकाओं, वृत्तचित्र फिल्मों और इंटरनेट जैसे मास मीडिया में प्रकाशित की जा सकती है।

दुनिया के सभी बड़े देशों की तरह भारत में भी रिपोर्टिंग का इतिहास बहुत पुराना रहा है देश में कई ऐसे बड़े पत्रकार रहे जिन्‍होनें अपनी पत्रकारिता से दिल जीता। वर्तमान समय की बात करें तो देश में मीडिया की हालत काफी गंभीर है क्‍योंकि वर्ल्‍ड इंडेक्‍स लेवल पर भारत की पत्रकारिता को 142 रैंक दी गई है जो काफी खराब है। लेकिन इसके बावजूद भी देश में कुछ ऐसे पत्रकार हैं जो अपनी पत्रकारिता से लगातार लोगों का दिल जीत लेते हैं।

National press day के मौके पर आइए मिलाते हैं आपको देश के उन निडर पत्रकारों से जो सही मायनो में देश के लिए रिपोर्टिंग रिपोटिंग करते हैं।  

1. तनुश्री पांडे

2020 में हुई देश को हिला देने वाली घटना हाथरस बलात्‍कार की रिपोर्टिंक करना एक बहुत ही कठिन काम था क्‍योंकि इस मामलें में स्‍थानीय पुलिस का भी हाथ था। कई पत्रकारों मे से एक तनुश्री पांडे ने हाथरस बलात्कार मामले की उनकी अथक और महत्वपूर्ण जमीनी रिपोर्टिंग ने यह सुनिश्चित किया कि लोगों को सच्चाई का पता चले। उसने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मामले के प्रमुख घटनाक्रम के बारे में बताया।

2. बरखा दत्त

दिग्गज पत्रकार बरखा दत्त ने हजारों प्रवासियों की कहानियों को सामने लाया जब भारतीय देशव्यापी लॉकडाउन ये मजदूर बेघर हो गए। उन्‍होनें इन मजदूरों की कहानियों को कवर करने के लिए महामारी के बीच मीलों की यात्रा की और एक महत्वपूर्ण समय पर सरकार से पूछताछ की।

3. रवीश कुमार

पुरस्कृत पत्रकार की प्राइम टाइम रिपोर्टिंग पूरे साल चर्चाओ में रही विवादों से घिरे होने पर भी सरकार से प्रत्‍येक सवाल का जबाव मांगा गया, प्रवासी मजदूर हो या हाथरस मालला 2020 के सभी मुद्दों पर खुलकर सरकार से सवाल करने वाले रवीश कुमार हर साल की तरह इस साल भी लोगों की पसंद बने रहे।

4. राना आयूब

मार्च में भारत में तालाबंदी शुरू होने के बाद से ही, राना आयूब को प्रवासी संकट को कवर करते हुए और जरूरत पड़ने पर सरकार को निष्क्रिय करने के लिए रिपोर्टिंग करते हुए देखा गया। उन्‍होनें अपने पत्रकार कर्तव्यों के साथ ही राहत कार्य में भी हिस्‍सा लिया और संकट के समय जरूरतमंदों को भोजन भी दिया।

5. जगत बैंस

News18 हिमाचल के पत्रकार जगत बैंस ने कोरोना लॉकडाउन के तहत सरकार की रणनीतियों पर सवाल उठाए। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ के कुछ हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों तक राशन नहीं पहुंच रहा है, इस बारे में एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद उन्‍हे जेल भी जाना पड़ा। रिपोर्ट का प्रशासन पर गहरा असर पड़ा और अगले दिन मजदूरों को राशन की आपूर्ति की गई।

6. रितुपर्णा चटर्जी

एक अनुभवी पत्रकार जिन्‍होनें बताया कि भारत में पीपीई किट मासिक धर्म को ध्यान में रखते हुए डिजाइन नहीं किए गए थे। इस महत्‍वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालने के लिए उनकी काफी सराहना की गइ।

8. फेय डिसूजा

महामारी की रिपोर्टिंग से लेकर सरकार के हर मुद्दों पर फेय डिसूजा ने अपनी आवश्यक पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व किया।  फेय हमेशा जरूरी मुद्दों पर बात करती हैं और अपने सोशल मीडिया पर लोगों को खबरों से अपडेट रखती हैं।

यह भी जरूर पढ़ें-यूपी Vs दिल्ली मॉडल: लखनऊ में नहीं मिली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एंट्री, योगी सरकार पर उठे कई सवाल-

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp