पत्रकार या रिपोर्टर वे लोग होते हैं जो पत्रकारिता की गतिविधियों को अंजाम देते हैं या वे लोग जो नियमित रूप से समाचार लिखते हैं उनके लेखन को नियमित रूप से मास मीडिया में भेजा/प्रकाशित किया जाता है। यह रिपोर्ट समाचार पत्रों, टेलीविजन, रेडियो, पत्रिकाओं, वृत्तचित्र फिल्मों और इंटरनेट जैसे मास मीडिया में प्रकाशित की जा सकती है।
दुनिया के सभी बड़े देशों की तरह भारत में भी रिपोर्टिंग का इतिहास बहुत पुराना रहा है देश में कई ऐसे बड़े पत्रकार रहे जिन्होनें अपनी पत्रकारिता से दिल जीता। वर्तमान समय की बात करें तो देश में मीडिया की हालत काफी गंभीर है क्योंकि वर्ल्ड इंडेक्स लेवल पर भारत की पत्रकारिता को 142 रैंक दी गई है जो काफी खराब है। लेकिन इसके बावजूद भी देश में कुछ ऐसे पत्रकार हैं जो अपनी पत्रकारिता से लगातार लोगों का दिल जीत लेते हैं।
National press day के मौके पर आइए मिलाते हैं आपको देश के उन निडर पत्रकारों से जो सही मायनो में देश के लिए रिपोर्टिंग रिपोटिंग करते हैं।
1. तनुश्री पांडे
ABSOLUTELY UNBELIEVABLE – Right behind me is the body of #HathrasCase victim burning. Police barricaded the family inside their home and burnt the body without letting anybody know. When we questioned the police, this is what they did. pic.twitter.com/0VgfQGjjfb
— Tanushree Pandey (@TanushreePande) September 29, 2020
2020 में हुई देश को हिला देने वाली घटना हाथरस बलात्कार की रिपोर्टिंक करना एक बहुत ही कठिन काम था क्योंकि इस मामलें में स्थानीय पुलिस का भी हाथ था। कई पत्रकारों मे से एक तनुश्री पांडे ने हाथरस बलात्कार मामले की उनकी अथक और महत्वपूर्ण जमीनी रिपोर्टिंग ने यह सुनिश्चित किया कि लोगों को सच्चाई का पता चले। उसने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मामले के प्रमुख घटनाक्रम के बारे में बताया।
2. बरखा दत्त
Meet the Children of the Lockdown. My ground report from Telangana on Children of Migrant Workers. Trucks will allow for just one Bag, they cannot carry their books. When I ask them to make a wish: “To get back to school.” That and “English because it will Change Our Lives” pic.twitter.com/FNHH2hiJzG
— barkha dutt (@BDUTT) May 18, 2020
दिग्गज पत्रकार बरखा दत्त ने हजारों प्रवासियों की कहानियों को सामने लाया जब भारतीय देशव्यापी लॉकडाउन ये मजदूर बेघर हो गए। उन्होनें इन मजदूरों की कहानियों को कवर करने के लिए महामारी के बीच मीलों की यात्रा की और एक महत्वपूर्ण समय पर सरकार से पूछताछ की।
3. रवीश कुमार
NDTV’s Ravish Kumar speaks on facing death threats for his reporting. Watch here pic.twitter.com/0bVo8OL4hq
— NDTV (@ndtv) May 25, 2018
पुरस्कृत पत्रकार की प्राइम टाइम रिपोर्टिंग पूरे साल चर्चाओ में रही विवादों से घिरे होने पर भी सरकार से प्रत्येक सवाल का जबाव मांगा गया, प्रवासी मजदूर हो या हाथरस मालला 2020 के सभी मुद्दों पर खुलकर सरकार से सवाल करने वाले रवीश कुमार हर साल की तरह इस साल भी लोगों की पसंद बने रहे।
4. राना आयूब
Your hate wont stop us from doing the right thing. Our relief work continues EVERYDAY. Thank you for helping us help them. Here is a link for donations to help the poorest of the poor https://t.co/y6OADrDpPE pic.twitter.com/3egBIfA6Dx
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 11, 2020
मार्च में भारत में तालाबंदी शुरू होने के बाद से ही, राना आयूब को प्रवासी संकट को कवर करते हुए और जरूरत पड़ने पर सरकार को निष्क्रिय करने के लिए रिपोर्टिंग करते हुए देखा गया। उन्होनें अपने पत्रकार कर्तव्यों के साथ ही राहत कार्य में भी हिस्सा लिया और संकट के समय जरूरतमंदों को भोजन भी दिया।
5. जगत बैंस
News18 हिमाचल के पत्रकार जगत बैंस ने कोरोना लॉकडाउन के तहत सरकार की रणनीतियों पर सवाल उठाए। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ के कुछ हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों तक राशन नहीं पहुंच रहा है, इस बारे में एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद उन्हे जेल भी जाना पड़ा। रिपोर्ट का प्रशासन पर गहरा असर पड़ा और अगले दिन मजदूरों को राशन की आपूर्ति की गई।
6. रितुपर्णा चटर्जी
I spoke to frontline workers — doctors, anganwadi didis, journalists and relief volunteers — to understand the ordeal they are going through right now, bleeding inside their PPEs. No one thought of the need of menstruators when designing protective gear. https://t.co/JtehaIaOhy
— Rituparna Chatterjee (@MasalaBai) May 19, 2020
एक अनुभवी पत्रकार जिन्होनें बताया कि भारत में पीपीई किट मासिक धर्म को ध्यान में रखते हुए डिजाइन नहीं किए गए थे। इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डालने के लिए उनकी काफी सराहना की गइ।
8. फेय डिसूजा
LPG Cylinder Price Hiked Rs 100 In One Month
Rajeev Mishra, RTI Activist says, “First it was fuel price and now it is LGP prices. The govt has made the people so weak that can’t even raise their voices. #LPGPriceHike #LPG
Watch the full discussionhttps://t.co/1DCGeriuPZ pic.twitter.com/ZwcsqwPXrX
— Faye DSouza (@fayedsouza) December 22, 2020
महामारी की रिपोर्टिंग से लेकर सरकार के हर मुद्दों पर फेय डिसूजा ने अपनी आवश्यक पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व किया। फेय हमेशा जरूरी मुद्दों पर बात करती हैं और अपने सोशल मीडिया पर लोगों को खबरों से अपडेट रखती हैं।