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ABG Shipyard Loan Scam: कौन हैं ऋषि अग्रवाल जिन्‍होनें कर दिया 22,848 करोड़ का घोटाला ?

The Central Bureau of Investigation (CBI) ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के former chairman and managing director ऋषि अग्रवाल (rishi agarwal) से 22,848 करोड़ रुपये की कथित बैंकिंग धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में पूछताछ की है। अब तक आयी रिपेार्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि ये देश का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड हो सकता है जिसे लॉन स्‍कैम भी बताया जा रहा है।

(CBI) और प्रवर्तन निदेशालय ने अग्रवाल और अन्य आरोपियों पर पैसों का डायवर्जन, हेराफेरी, आपराधिक विश्वासघात और बैंक के सहायता धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

मुंबई के रहने वाले अग्रवाल पर सीबीआई और ईडी ने भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी की साजिश रचने और आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को धोखा देने का मामला दर्ज किया है।

अग्रवाल के अलावा, उनके सहयोगी मुथास्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेटिया जैसे नाम भी इस मामले में शामिल हैं। आइए विस्‍तार से जानते हैं कौन हैं ऋषि अग्रवाल और क्‍या है पूरा मामला।

कौन हैं ऋषि अग्रवाल Who is Rishi Agarwal

ऋषि अग्रवाल मुबंई के एक जाने माने बिजनेस मैन हैं तो एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) के former chairman and managing director हैं।

गुजरात स्थित एबीजी शिपयार्ड – कभी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत में एक प्रमुख – एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है। गुजरात के दहेज और सूरत शहर में स्थित इसके शिपयार्ड ने पिछले 16 वर्षों में 165 से अधिक जहाजों का निर्माण किया है। इनमें से छियालीस जहाज निर्यात के लिए बनाए गए थे। 22,842 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी के केंद्र में रहे एबीजी शिपयार्ड के चेयरमैन ऋषि अग्रवाल से केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पूछताछ की है।

क्‍या है ABG Shipyard Loan Scam

सीबीआई के अनुसार, एबीजी शिपयार्ड और उसके निदेशकों पर 28 बैंकों से लगभग 23,000 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है। एबीजी शिपयार्ड कंपनी पर 28 बैंको का लॉन बकाया है जो अभी तक नहीं दिया गया है।

CBI ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड ने 2005 से लॉन लिया था, लेकिन बकाया का भुगतान न करने के कारण, खाता 2013 में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में बदल गया।

2019 में अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा किए गए एक फोरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि यह पैसे अन्य संबंधित कंपनियों को दिया गया था, सीबीआई ने कहा कि कथित रूप से विदेशी सहायक कंपनियों के माध्यम से निवेश के लिए लॉन का उपयोग किया गया था।

जांच एजेंसी ने कहा कि इन लॉन का उपयोग कंपनी की ग्रोथ के लिए नहीं किया गया था, इस प्रकार समझौतों का उल्लंघन हुआ।

किस बैंक से लिया गया कितना लोन Banks that were cheated by ABG Shipyard

भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत के अनुसार, ABG Shipyard कंपनी पर SBI बैंक का ₹ 2,925 करोड़, ICICI बैंक का ₹ 7,089 करोड़, IDBI बैंक का ₹ 3,634 करोड़, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का ₹1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का ₹ 1,244 बकाया है।

इसके अलावा (पीएनबी) और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को ₹ 1,228 करोड़। सीबीआई ने कहा कि धन का इस्तेमाल बैंकों द्वारा जारी किए गए उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ अलग से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी शुरू कर दी है।

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