Hindi Diwas: हिंदी हमारी मातृभाषा है, हमारी राष्ट्रभाषा है। यह वह भाषा है जिससे अधिकांश भारतीय संबंध रखते हैं। इसे 1947 में स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में तमिल,बंगाली, गुजराती, मराठी, सिंधी भाषा सहित 121 भाषाएं बोली जाती है फिर भी हिंदी भाषा को ही राष्ट्रभाषा क्यों चुना गया।
हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के मौके पर हम आपके लिए इस सवाल का जबाव लेकर आए हैं।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के पीछे का कारण-
आपके यह जानकर हैरानी होगी कि हिंदी भारत की मुख्य रूप से राष्ट्रभाषा नहीं है। तथ्य की बात के रूप में भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है। यद्यपि इसने हिंदी और 22 अन्य भाषाओं को मान्यता, दर्जा और आधिकारिक प्रोत्साहन दिया है और आज सभी 23 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है और सरकारी दस्तावेज में 23 मान्यता प्राप्त आधिकारिक भाषाओं में से किसी में भी हो सकते हैं। लेकिन ये सभी भाषाएं हिंदी से जुड़ी है इसलिए हिंदी को ही राष्ट्रभाषा माना जाता है।
2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 42 करोड़ लोगों ने हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में सूचीबद्ध किया था, जिनमें से 24 करोड़ लोगों ने शुद्ध रूप में हिंदी बोली, और अन्य 16 करोड़ लोगों ने हिन्दी के समान 22 मिलती जुलती भाषाओं का उपयोग किया गया।
कुल मिलाकर, लगभग 41 प्रतिशत आबादी ने हिंदी या उसके उप-समूहों को अपनी मातृभाषा घोषित किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा इसलिए इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया।
हिंदी भाषा से जुडे अनसुने तथ्य Interesting facts about Hindi language
- ‘हिंदी’ शब्द फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’।
- बिहार भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने उर्दू भाषा को हटाकर वर्ष 1881 में हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया था।
- पहला हिंदी टाइपराइटर 1930 के दशक में बनाया गया था।
- हिंदी को सीखने में अब तक की सबसे आसान भाषा माना जाता है क्योंकि यह ध्वन्यात्मक है जिसका अर्थ है कि आप जो पढ़ते हैं सीधा उसका उच्चारण करते हैं। अंग्रेजी सहित अधिकांश अन्य भाषाओं के विपरीत हिंदी में प्रतीकों और ध्वनियों के बीच सीधा संबंध है जो इसे बाकी भाषाओं से सरल बनाता है।
- भारत के अलावा हिंदी मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल में भी बोली जाती है।
- 14 सितंबर, 1949 को, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था।