Kashi Vishwanath Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का उद्घाटन करने वाराणसी पहुंच चुके हैं। 700 करोड में बने इस प्रोजक्ट की सूचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ काशी विश्वनाथ धाम की तस्वीरें शेयर करते हुए दी।
#WATCH | Locals gave a rousing welcome to PM Narendra Modi, showering flower petals and raising slogans of ‘Modi, Modi’ & ‘Har Har Mahadev’ in his parliamentary constituency Varanasi
The PM is on a two-day visit to the city to inaugurate Kashi Vishwanath Corridor project pic.twitter.com/155VrYjEpT
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई हस्तियां पहले ही वाराणसी में पीएम के स्वागत के लिए पहुंच चुके हैं। 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में होने जा रहा है। राम मंदिर के लिए मुहूर्त तैयार करने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में दिन में 1:37 बजे से 1:57 बजे तक 20 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ है। जिसमें इस भव्य मंदिर उदघाटन होने जा रहा है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Kaal Bhairav temple in Varanasi
Later, he will offer prayers at Kashi Vishwanath temple inaugurate phase 1 of Kashi Vishwanath Corridor
(Source: DD) pic.twitter.com/ZmO1AG08uC
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021
भारी संख्या में लोग इस पावन पल का साक्षी बनने के लिए काशी पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री जब बाबा श्री काशी विश्वनाथ का अनुष्ठान करेंगे उस दौरान 51 बटुक वेदों का सस्वर पाठ करेंगे।
जानिए क्या है इस धाम की खासियत:
अकल्पनीय ????
Exclusive pics of Divine Baba Vishwanath Dham in new look. #काशी_विश्वनाथ_कॉरिडोर #KashiVishwanath #DivyaKashiBhavyaKashi
#दिव्य_काशी_भव्य_काशी pic.twitter.com/qQj2YnOweU— Arvind Pandey ,avinash (@Arbind_official) December 7, 2021
गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। जिसकी वजह से हजारों साल पुराना यह धाम मुगलों द्वारा नष्ट कर दिया गया। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था ताकि इस धाम को सुंदर और आर्षशक बनाया जा सके।
पुर्ननिर्माण के बाद विश्वनाथ कॉरिडोर को दो भागों में बांटते हुए। मंदिर के मुख्य परिसर को लाल बलुआ पत्थर के द्वारा बनाया गया है। इसमें 4 बड़े बड़े गेट लगाए गए हैं ताकि धाम को आर्कषित दिखाया जा सके।
मंदिर के चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है जिसमें 22 संगमरमर के शिलालेख मौजूत हैं। जिनमें भगवान काशी की महिमा का वर्णन पढ़ने को मिलेगा।
यह भी जरूर पढें – Miss Universe 2021: कौन हैं हरनाज़ संधू? जिन्हें मिला मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब