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24 करोड़ की लागत से बना स्मॉग टॉवर दिल्ली में साफ रखेगा आबोहवा, वृक्ष नि:शुल्क करते हैं यह काम 

वृक्ष इंसान के सबसे अच्छे मित्र हैं। वह हमें मुफ्त में औषधियां देते हैं, भोजन देते हैं और पोषक पेय भी देते हैं। इसके अलावा हमारे जीवन को चलाने के लिए कुछ ऐसी भी उपयोगी चीजें जिन्हें हम देख तो नहीं सकते, लेकिन फिर भी वृक्ष निरंतर इन चीजों की आपूर्ति करते हुए हम पर उपकार करते रहते हैं। जैसे वायुमंडल में हमेशा ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना और हमारे आसपास के वातावरण को प्रदूषण से मुक्त रखना। 

लेकिन वृक्ष आदिकाल से ही एक गलती करते आए हैं। दरअसल वृक्ष हम सब पर यह सारे उपकार नि:शुल्क करते हैं। इसी कारण हम उनका आदर नहीं करते और हमने पिछले 100 सालों में शांत, सजीव और हमारे सबसे अच्छे मित्र वृक्ष और जंगल के साथ विश्वासघात कर उन्हें नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही कारण है कि हम अब वृक्षों को छोड़ कृत्रिम वस्तुओं को वातावरण साफ करने की जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। 

मुफ्त के काम के लिए करोड़ों रुपए का आर्थिक भार : 

दरअसल विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने देश का पहला स्मॉग टॉवर कनॉट प्लेस में स्थापित कर दिया है। 24 करोड़ की लागत से तैयार अमेरिकी तकनीक का यह स्मॉग टॉवर करीब एक किमी के दायरे में हवा काे साफ करेगा और यदि नतीजे अच्छे रहे तो दिल्ली में इसी तरह के और स्मॉग टॉवर बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। 


एक आरटीआई के अनुसार दिल्ली में पिछले 5 सालों में 15090 वृक्षों को परमिशन लेकर काटा गया है। इसके अलावा जिन पेड़ों को बिना अनुमति लिए काटा गया होगा। उनकी संख्या कितनी होगी इसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। जो काम वृक्ष मुफ्त में कर रहे थे। उसके लिए हमें 24 करोड़ रुपए चुकाने पड़े हैं। वो भी केवल एक किमी के दायरे के लिए। पूरी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कितने स्मॉग टॉवर की जरूरत होगी। इसक बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। 
 

इस तरह करेगा काम : 
लगभग 24 मीटर ऊंचा यह टाॅवर आसपास के एक किमी दायरे की हवा को खींचेगा और फिर उसे साफ करेगा। साफ हवा को नीचे लगे पंखों से बाहर छोड़ दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस स्मॉग टॉवर की क्षमता लगभग एक हजार घन मीटर प्रति सेकेंड है। यानि यह एक हजार घन मीटर हवा को प्रति सेकेंड साफ करके वातावरण में छोड़ेगा।

सर्दी के मौसम में इसे पूरी क्षमता के साथ चालू कर दिया जाएगा। जिसके बाद आईआईटी दिल्ली और आईआईअी मुंबई की टीम इसका विश्लेषण करेगी। दोनों संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर आगे अन्य जगहों पर स्मॉग टॉवर लगाने पर विचार किया जाएगा। बहरहाल दिल्ली में आई यह टेक्नोलॉजी जल्द ही पूरे देश में आग की तरह फैलेगी और अन्य जगहों पर भी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्मॉग टॉवर लगाए जाएंगे। साथ ही इंसान अब और बेफिक्र होकर पेड़ों को काट सकेगा। 

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